पूर्वांचल का गौरव – विश्वभर में एकता
सिद्धार्थनगर / Siddharthnagar
सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के उत्तर-पूर्वी भाग में नेपाल सीमा पर स्थित है। जिला मुख्यालय नौगढ़ है।
कुल क्षेत्रफल: लगभग 2,895 वर्ग किमी
संक्षिप्त इतिहास और विशेषताएँ:
प्राचीन काल:
यह क्षेत्र भगवान बुद्ध (सिद्धार्थ गौतम) के जीवन से सीधे जुड़ा है। कपिलवस्तु शाक्य वंश की राजधानी थी, यहाँ बुद्ध ने अपना बाल्य काल (29 वर्ष तक) बिताया।पुरातत्व और बुद्ध विरासत:
कपिलवस्तु के पुरातात्विक अवशेष—पिपरहवा, गणवरिया—से प्राचीन विहार, समाधि स्तूप, बुद्ध अवशेष मिले हैं।मध्यकालीन इतिहास:
दिल्ली सल्तनत, मुगलों के शासन में स्थानीय महत्व बरकरार रहा।आधुनिक प्रशासन:
1989 में बस्ती जिले से पृथक होकर सिद्धार्थनगर बना, ताकि बुद्ध-धरोहर को बढ़ावा मिल सके.
भौगोलिक एवं प्राकृतिक विशेषताएँ
तराई क्षेत्र, उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी
नेपाल के कपिलवस्तु और रुपन्देही जिलों से सटा
प्रमुख नदियाँ: राप्ती, बांसी
भूसम्पदा: धान, गेहूं, गन्ना की खेती
मुख्य सांस्कृतिक एवं लोक कला
बौद्ध सांस्कृतिक धरोहर: बुद्ध पूर्णिमा, कपिलवस्तु महोत्सव
लोकगीत, नृत्य: अवधी, भोजपुरी में सोहर, बिरहा, कजरी
मुशायरे, रामीला, लोकनाट्य: शादी-विवाह व त्यौहारों पर
हस्तशिल्प: बांस, मिट्टी के बर्तन, कारपेंटरिंग
परंपरागत मेले, लोक पर्व: दीवाली, होली, ईद, छठ, बौद्ध उत्सव आदि
पर्यटन स्थल:
कपिलवस्तु (पिपरहवा, गणवरिया): गौतम बुद्ध की बाल्यकाल की राजधानी, प्रमुख पुरातात्विक स्थल
राजप्रासाद, विहार एवं स्तूप: शाक्य कालीन अवशेष
स्थानीय मंदिर, मठ, मस्जिद
नेपाल सीमा का सांस्कृतिक व पर्यटन महत्व
बुद्ध तीर्थ यात्रा का केंद्र

प्रमुख उद्योग, व्यवसाय एवं कृषि
कृषि: धानाबाद, गेहूं, गन्ना, दलहन, सब्ज़ियाँ
विशेष उत्पाद: ‘काला नमक’ चावल—क्षेत्र विशेष की पहचान
शिल्प, कुटीर उद्योग: बांस, मिट्टी, चावल मिल, ऑयल मिल
पशुपालन, डेयरी, मत्स्य
नेपाल से व्यापार, साप्ताहिक बाज़ार
जिला प्रशासनिक जानकारी
जिला प्रशासन वेबसाइट: siddharthnagar.nic.in
उपखंड: नौगढ़, बांसी, शोहरतगढ़, इतवा, मिठौलिया
जिलाधिकारी (नाम अपडेट करें), सरकारी अधिकारी
पंचायत, ब्लॉक, जनसंख्या विवरण

प्रमुख नेता, समाजसेवी एवं उद्योगपति
जगदंबिका पाल
वरिष्ठ राजनेता, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री
सांसद, डोमरीयागंज लोकसभा क्षेत्र
कृषि, बुनियादी विकास एवं शिक्षा के मुद्दों पर सक्रिय
क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की पहचान
जय प्रताप सिंह
क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री
स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास में योगदान
सैय्यदा तौफिक खातून
समाजवादी पार्टी नेतृ
डोमरीयागंज क्षेत्र में सामाजिक कार्य, शिक्षा और महिला उत्थान
श्यामधनी राही
विधायक (कपिलवस्तु, एससी)
अनुसूचित जाति समुदाय के सशक्तिकरण में सक्रिय
विनय रमाशंकर वर्मा
विधायक (शोहरतगढ़)
क्षेत्रीय विकास और जनकल्याण में अहम भूमिका
समाजसेवी एवं शिक्षा/मेडिकल क्षेत्र में योगदान
डॉ. दीपक बाबू
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के वाणिज्य विभागाध्यक्ष
महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय
सरकारी व निजी संस्थाओं के साथ मिलकर सामाजिक कार्य
स्थानीय NGOs एवं समाजसेवी संगठन
जिले में 198 से अधिक NGO, महिला व बाल उत्थान, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत हैं
महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता एवं ग्रामांचल विकास में योगदान
प्रमुख उद्योगपति एवं कारोबारी
कृषि क्षेत्र:
जिले में ‘काला नमक’ चावल उत्पादन के बड़े-छोटे किसान उद्यमी
गन्ना, गेहूं, धान के व्यवसायी
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ, चावल मिल, ऑयल मिल के स्वामी
हस्तशिल्प व शिल्पकार:
बांस, लकड़ी, मिट्टी कुटीर उद्योग में स्थानीय उद्यमी
ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूह (SHG) द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पाद
प्रशासनिक, साहित्यिक, अन्य योगदान
भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस, सैन्य अधिकारी:
जिले के कई लोग प्रशासन/पुलिस/सैन्य सेवाओं में राष्ट्रीय स्तर पर योगदान दे चुके हैं।
स्थानीय लेखक, शिक्षक, कलाकार:
अवधी, भोजपुरी संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कवि, लेखक, कलाकार